क़त्ल तो मेरा उसकी निगाहों ने ही किया था, पर संविधान ने उन्हें हथियार मानने से इंकार कर दिया !!
Tag: Pyar Shayari
खुद पुकारेगी मंजिल तो
खुद पुकारेगी मंजिल तो ठहर जाऊंगा….!! वरना मुसाफिर खुद्दार हूं यूँ ही गुजर जाऊंगा….!!
उड़ती हुई पतंग
उड़ती हुई पतंग की तरहा निकली जिंदगी मेरी…. किसी ने छोड़ दिया, तो किसी ने लूट लिया….
छोटा मोटा सामांन
छोटा मोटा सामांन बेचने वालोसे कुछ ना कुछ खरीद लिया करे…. ये खुद्दार लोग होते है…जो अपनी रोटी के लिये किसीसे मांगते नहीं…….!!!
वापस आ रही है
वापस आ रही है, फिर वही सर्दियों की उदास शामें….. फिर तुम बेसबब ,बेहद याद आओेगे…!!
तुमने तो ठुकरा दिया
तुमने तो ठुकरा दिया हाल-ए-गरीबी देखकर पर हम तो आज भी अनमोल हैं वफ़ा के बाजार में..!!!
वक्त भी कैसी
वक्त भी कैसी पहेली दे गया…उलझने सौ…जान अकेली दे गया…
इसमें कोई शिकवा
इसमें कोई शिकवा न शिकायत न गिला है ये भी कोई ख़त है के मोहब्बत से भरा है..
आग भी क्या
आग भी क्या अनमोल चीज़ है. बातों से भी लग जाती है…….
वो मुझसे पूछती है
वो मुझसे पूछती है की ख्वाब किस-किस के देखते हो, बेखबर जानती ही नहीं की यादें उसकी सोने कहाँ देती है..