रह रह के ताजा

रह रह के ताजा हो जाते हैं जख्म , हवा भी मजाक करती है खिड़कियों के सहारे…

मेरी खमोशियो के राज़

मेरी खमोशियो के राज़ ख़ुद मुझे ही नहीं मालूम… जाने क्यू लोग मुझे मगरूर समझते है…

दिल की कीमत

दिल की कीमत तो मुहब्बत के सिवा कुछ ना थी… जितने भी मिले सूरत के खरीद्दार मिले…

अजीब होती हैं

अजीब होती हैं मोहब्बत की राहें भी … रास्ता कोई बदलता है .., मंज़िल किसी और की खो जाती है ..

तुम मुझ पर

तुम मुझ पर लगाओ मैं तुम पर लगाता हूँ, ये ज़ख्म मरहम से नही इल्ज़ामों से भर जायेंगे..

तू लाख दुआ कर

तू लाख दुआ कर ले मुझसे दूर जाने की…. मेरी दुआ भी उसी खुदा से है तुझे करीब लाने की…..

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दौर वह आया है, कि कातिल की सज़ा कोई नहीं, हर सज़ा उसके लिए है, जिसकी खता कोई नहीं|

कोरे कागज़ सी है..

तन्हाई ठीक कोरे कागज़ सी है.. ये मुझे तेरी तरह; ग़लत साबित नहीं करती|

तू नहीं है

तू नहीं है पर तेरे होने का एहसास अब भी मेरे बिस्तर में बसी हुई है|

तीन गवाह है

तीन गवाह है मेरे इश्क़ के, एक रब एक मैं और एक तुम|

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