समंदर बेबसी अपनी

समंदर बेबसी अपनी, किसी से ‘कह’ नही सकता. ‘हज़ारों’ मील तक ‘फैला’ है, फिर भी ‘बह’ नही सकता..

मँज़िले बड़ी ज़िद्दी होती हैँ

मँज़िले बड़ी ज़िद्दी होती हैँ , हासिल कहाँ नसीब से होती हैं ! मगर वहाँ तूफान भी हार जाते हैं , जहाँ कश्तियाँ ज़िद पर होती हैँ !

रोयेगा वही जिसने ‪‎

रोयेगा वही जिसने ‪‎महसुस‬ किया है सच्चे ‪‎प्यार‬ को, मतलब‬ की ‎चाहत रखने वालो को कोई ‪फर्क‬ नहीं पड़ता |

क्यो ना गुरूर करू

क्यो ना गुरूर करू मै अपने आप पे…. मुझे उसने चाहा जिसके चाहने वाले हजारो थे!

लगता है आज

लगता है आज ज़िन्दगी कुछ ख़फ़ा है, चलिए छोड़िये कौन सी पहली दफ़ा है..

सुना है सब

सुना है सब कुछ मिल जाता है दुआ से, मिलते हो ख़ुद… या मांगू ख़ुदा से ।।

झूठ बोलते थे

झूठ बोलते थे कितना, फिर भी सच्चे थे हम ये उन दिनों की बात है, जब बच्चे थे हम !!

जहाँ हमारा स्वार्थ

जहाँ हमारा स्वार्थ समाप्त होता हे, वही से हमारी इंसानियत आरम्भ होती हे..

बिन धागे की सुई

बिन धागे की सुई सी बन गई है ये ज़िंदगी , सिलती कुछ नहीं… बस चुभती चली जा रही है…

आशिक था एक

आशिक था एक मेरे अंदर, कुछ साल पहले गुज़र गया..!! अब कोई शायर सा है, अजीब अजीब सी बातें करता है…

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