दिल के सुनसान जज़ीरों की

दिल के सुनसान जज़ीरों की ख़बर लाएगा, दर्द पहलू से जुदा हो के कहाँ जाएगा…..!!

ये जो मेरे दिल की

ये जो मेरे दिल की लगी है… बस यही तो बर्बाद ज़िंदगी है|

क़िस्सा बन सकते थे

ख़्वाब जज़ीरा बन सकते थे, नहीं बने, हम भी क़िस्सा बन सकते थे, नहीं बने….!!

यादों का हिसाब

यादों का हिसाब रख रहा हूँ, सीने में अज़ाब रख रहा हूँ……!!

तुम्हें ख्वाब में

तुम्हें ख्वाब में छूने की तमन्ना खून उगलती है, जब-जब मेरी ग़मगीन आँखों से नींद रूठ जाती है….!!

तेरे होने पर

तेरे होने पर भी ये जो अकेलापन मारता है… पता नहीं, ये मेरी मुहब्बत की हार है या तेरी बेरुख़ी की जीत|

मेरे जज़्बात आँसुओं वाले

मेरे जज़्बात आँसुओं वाले,,,,, शेर सब हिचकियों से लिखता हूँ….!!

यह कैसी आग है

यह कैसी आग है जिसमें जल रहें है हम, जलते ही जा रहे, जले से राख बनते नहीं हम…!!

रोज़ थोड़ा थोड़ा

रोज़ थोड़ा थोड़ा मर रहा हूँ मैं… पर प्यार तुझसे ही कर रहा हूँ मैं

आज नही तो कल

आज नही तो कल ये एहसास हो ही जायेगा…. कि “नसीब वालो” को ही मिलते है फिकर करने वाले|

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