अजीब सबूत माँगा

अजीब सबूत माँगा उसने मेरी मोहब्बत का कि मुझे भूल जाओ तो मानूँ मोहब्बत है !

अनसुना ही रह गया

अधूरा ..अनसुना ही रह गया प्यार का किस्सा, कभी तुम सुन न सके ..कभी मैं कह नही पाया !!

इजहारे मोहब्बत का

इजहारे मोहब्बत का जुनूँ गौर से देखो, पहली ही मुलाकात में परवाना मर गया …

मोहब्बत मैं ही

हम तो आगाज़े मोहब्बत मैं ही लूट गये, और लोग कहते है की अंजाम बुरा होता है !!

सच की हालत

सच की हालत किसी तवायफ सी है, तलबगार बहुत हैं तरफदार कोई नही.

सोचा तो नहीं था

ऐसा कोई जिंदगी से वादा तो नहीं था तेरे बिना जीने का इरादा तो नहीं था तेरे लिये रातो में चाँदनी उगाई थी क्यारियों में खुशबू की रोशनी लगाई थी जाने कहाँ टूटी है डोर मेरे ख्वाब की ख्वाब से जागेंगे सोचा तो नहीँ था शामियाने शामो के रोज ही सजाएं थे कितनी उम्मीदों के… Continue reading सोचा तो नहीं था

लोग चाहते हैं कि

लोग चाहते हैं कि आप बेहतर करें, लेकिन ये भी सत्य है कि वो कभी नहीं चाहते कि आप उनसे बेहतर करें !!!” दूनिया का उसूल है जब तक काम है तब तक तेरा नाम है वरना दूर से ही सलाम है

उमर बीत गई

उमर बीत गई पर एक जरा सी बात समझ में नहीं आई…!! हो जाए जिनसे मोहब्बत,वो लोग कदर क्युँ नहीं करते…..!

गुज़र जायेगा ये

गुज़र जायेगा ये दौर भी ज़रा सा इतमिनान तो रख… जब खुशियाँ ही नही ठहरीं तो ग़म की क्या औक़ात है..

मेरे दिल की ख़ामोशी

मेरे दिल की ख़ामोशी पर मत जाओ दोस्तों, क्यूंकि राख के नीचे अक्सर आग दबी होती है!!

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