तड़प रही है सांसे तुझे महसूस करने को… फिजा में खुशबू बनकर बिखर जाओ तो कुछ बात बने …
Tag: शर्म शायरी
कोई और तरीक़ा
कोई और तरीक़ा बताओ जीने का, साँसे ले ले कर थक गया हूँ !!
आँखोँ के परदे भी
आँखोँ के परदे भी नम हो गए बातोँ के सिलसिले भी कम हो गए. . . पता नही गलती किसकी है वक्त बुरा है या बुरे हम हो गए. .
गम देने की चाहत में
तुम खुद उलझ जाओगे मुझे गम देने की चाहत में, मुझमें हौसला बहूत है मुस्कुराकर निकल जाऊंगा…!!
आईना होजाये
आईना होजाये मेरा इश्क़, उनके हुस्न का …. क्या मज़ा हो दर्द,अगर खुद ही दवा लेने लगे…
दर्द को भी दर्द होता होगा
दर्द को भी दर्द होता होगा..!!! जब नाम-ऐ…इश्क़ आता होगा..!!
नज़र आना जरुरी है।
उसूलों पर अगर आ जाये, तो टकराना जरुरी है! जिन्दा हो तो जिन्दा नज़र आना जरुरी है।
फासलों से अगर..
फासलों से अगर.. मुस्कुराहट लौट आये तुम्हारी… तो तुम्हे हक़ है.. कि तुम… दूरियां बना लो मुझसे….
अपनों के बीच
अपनों के बीच, गैरो की याद नहीं आती। और गैरो के बीच, कुछ अपने याद आते हैं।
सुनो मैं बहुत खुश हूँ
सुनो मैं बहुत खुश हूँ.. कैसा लगा मेरा झूठ आपको…