खामोश रहती है

खामोश रहती है वो तितली जिसके रंग हज़ार है… और शोर करता रहा वो कौवा, ना जाने किस गुमान पर…

बहुत प्यार आता है

मैंने कहा बहुत प्यार आता है तुम पर …… वो मुस्करा कर बोले और तुम्हें आता ही क्या है…….

बीती जो खुद पर

बीती जो खुद पर तो कुछ न आया समझ, मशवरे यूँ तो हम औरों को दिया करते थे

उसको बेवफा कहकर

उसको बेवफा कहकर अपनी ही नजर में गिर जाते है हम. वो प्यार भी अपना था और वो पसंद भी अपनी थी|

शराफ़त आज भी है

किसी और के दीदार के लिए उठती नहीं ये आँखे, बेईमान आँखों में थोड़ी सी शराफ़त आज भी है|

दुनिया में कुछ

दुनिया में कुछ अच्छा रहने दो।।बच्चे को बच्चा रहने दो|

चांदी की दीवार

चांदी की दीवार ना तोड़ी प्यार भरा दिल तोड़ दिया|

ज़िंदगी अब नही

ज़िंदगी अब नही सवरेगी शायद, . बड़ा तजुर्बेकार था उजाड़ने वाला..!!

नज़र बन के कुछ

नज़र बन के कुछ इस क़दर मुझको लग जाओ कोई पीर की फूँक न पूजा न मन्तर काम आये…

उसने जी भर के

उसने जी भर के मुझको चाहा था…, फ़िर हुआ यूँ कि उसका जी भर गया।

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