तुम्हें ख़बर नहीं है

तुम्हें ख़बर नहीं है तुम्हें सोचने की ख़ातिर बहुत से काम हम कल पर छोड़ देते है|

परेशान तो हम भी

परेशान तो हम भी बहुत हैं लेकिन मुस्कुरा के जीने में क्या जाता है!

अपने किरदार को

अपने किरदार को मौसम से बचाकर रखना लौट के फुलो में वापिस नही आती खुशबू|

न मैं शायर हूँ

न मैं शायर हूँ, न मेरा शायरी से कोई वास्ता.., बस एक शौक बन गया है, तेरी यादों को बयां करना..!!

ये हर सुबह

ये हर सुबह इश्क के जलसे ये हर रात जुदाई के जुलुस … ये बेरोजगार शायर बनना तुम्हारे नौकरी जितना आसान थोड़े है ।

जीत रहा हूँ

जीत रहा हूँ लाखो लोगो का दिल ये शायरी करके लेकिन लोगो को क्या पता अंदर से कितना अकेला हूँ|

तुम आ जाओ मेरी

तुम आ जाओ मेरी कलम की स्याही बनकर.. मैं तुम्हें अपनी ज़िन्दगी के हर पन्ने में उतार दूँगा

अगर किसी दिन

अगर किसी दिन रोना आये ‘ तो आ जाना मेरे पास …. हँसने का वादा तो नही करता ‘ मगर रोउंगा जरूर तेरे साथ|

चेहरे पर जो अपने

चेहरे पर जो अपने दोहरी नकाब रखता हैं, खुदा उसकी चलाकियों का हिसाब रखता हैं|

जलो वहाँ जहाँ जरूरत हो

जलो वहाँ जहाँ जरूरत हो ….. उजालों में चिरागों के कोई मायने नहीं होते।

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