यूँ तो मशहूर हैं अधूरी मोहब्बत के, किस्से बहुत से……………!! मुझे अपनी मोहब्बत पूरी करके, नई कहानी लिखनी |
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आइना फिर आज
आइना फिर आज रिश्वत लेते पकड़ा गया… दिल में दर्द था, फिर भी चेहरा हँसता हुआ दिखाई दिया….!
जख्म तो हम भी
जख्म तो हम भी अपने दिल पर तुमसे भी गहरे रखते हैं,… पर हम अपने जख्मों पर मुस्कुराहटों के पहरे रखते है..!!
चाहे फेरे ले लो
चाहे फेरे ले लो या कहो कबूल है अगर दिल में प्यार नहीं तो सब फिजूल है|
अगर वास्ता नहीं होता !
दिमाग का दिल से अगर वास्ता नहीं होता ! क़सम खुदा की कोई हादसा नहीं होता…!!
जो नहीं है हमारे पास
जो नहीं है हमारे पास वो ख्वाब हैं, पर जो है हमारे पास वो लाजवाब हैं…
मेरा खुदा एक ही है….
मेरा खुदा एक ही है…. जिसकी बंदगी से मुझे सकून मिला भटक गया था मै…. जो हर चौखट पर सर झुकाने लगा..
मुझे सजा मिली..
ज़िन्दगी मिली भी तो क्या मिली, बन के बेवफा मिली….. इतने तो मेरे गुनाह भी ना थे, जितनी मुझे सजा मिली..
मैं याद तो हूँ
मैं याद तो हूँ उसे, पर ज़रूरत के हिसाब से। मेरी हैसियत, कुछ नमक जैसी है।
घर से निकले हैं
वापसी का तो कोई सवाल ही नहीं साहब .. . ,घर से निकले हैं हम आँसूओं की तरह..