ये सफ़र से..

ये सफ़र से.. ख़ुद से ख़ुद में था लोग समझे शहर से शहर बदला !!

खुशियों का रंग

खुशियों का रंग दर्द की तस्वीर बदल दे अब तो हमारे पाँव की ज़ंज़ीर बदल दे… लिक्खा नही नसीब में तूने वो एक शख्स मौला तू मेरे हाथ की तकदीर बदल दे

रोयेगा वही जिसने ‪‎

रोयेगा वही जिसने ‪‎महसुस‬ किया है सच्चे ‪‎प्यार‬ को, मतलब‬ की ‎चाहत रखने वालो को कोई ‪फर्क‬ नहीं पड़ता |

किस हक़ से

किस हक़ से मांगू तुमसे तुम्हारा वक़्त ना वक़्त मेरा है और ना तुम मेरे हो ..

भरोसा खुद पर रखो

भरोसा खुद पर रखो तो ताकत बन जाता है…!!! और दूसरों पर रखो तो कमजोरी बन जाता है…!!!

तकलीफ ये नही की

तकलीफ ये नही की किस्मत ने मुझे धोका दिया मेरा यकिन तुम पर था, किस्मत पर नही..

चले जायेंगे तुझे

चले जायेंगे तुझे तेरे हाल पर छोड़कर,कदर क्या होती है ये तुझे वक़्त सिखाएगा।

यूँ चुराकर नही

यूँ चुराकर नही लाया करते दुसरो की शेर-ओ शायरी को कुछ अपने लफ़्ज़ों पर भी तो एतबार रखिये|

क्यो ना गुरूर करू

क्यो ना गुरूर करू मै अपने आप पे…. मुझे उसने चाहा जिसके चाहने वाले हजारो थे!

सुना है सब

सुना है सब कुछ मिल जाता है दुआ से, मिलते हो ख़ुद… या मांगू ख़ुदा से ।।

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