मेरी साँसें तेरी मोहताज है

मेरी साँसें तेरी मोहताज है… तेरा दीदार … उधार दे दे …

हम ये भी भूल गए

घोंसला बनाने में… यूँ मशग़ूल हो गए.. उड़ने को पंख हैं… हम ये भी भूल गए…

महसूस जरुर होते हैँ

बदलता मौसम….. बदलते रिश्ते…. और बदलते लोग…… दिखते भले ना हो …… महसूस जरुर होते हैँ……

तुझें भूलना भी एक तरीके की जीत हैं मेरी

तुझें भूलना भी एक तरीके की जीत हैं मेरी क्यूँकि इतनी मेहनत मैंने तुझे पाने के लिए भी नहीं की थी

ना किसी से ईर्ष्या

ना किसी से ईर्ष्या, ना किसी से कोई होड़, मेरी अपनी मंजीले, मेरी अपनी दौड़ !.

इतनी वफादारी न कर किसी से

इतनी वफादारी न कर किसी से, यूँ मदहोश हो कर …

जिन्दगी से पुछौ ये क्या चाहती है

जिन्दगी से पुछौ ये क्या चाहती है, बस ऐक तेरी वफा चाहती है, कीतनी मासुम और नादान है जीन्दगी , खुद बेवफा हे और वफा चाहती है

चिड़ियाँ उड़ तोता उड़

अरे हम तो हाथी को भी हवा में उड़ा दिया करते थे. . . . . . . . . . . . . . वो अलग बात है की अब चिड़ियाँ उड़, तोता उड़ खेलना छोड़ दिया..

क्यूँ भटकते हो सरे राह बारिश का लुत्फ़ लेने

क्यूँ भटकते हो सरे राह बारिश का लुत्फ़ लेने को, कभी मेरी आँखों में ठहर के देखो ये बेइंतहा बरसती हैं…!!!

ये सिर्फ मेरा है

हमने लिया सिर्फ होंठों से जो तेरा नाम.. दिल होंठो से उलझ पड़ा कि ये सिर्फ मेरा है !!

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