जब ख्वाबों के रास्ते

जब ख्वाबों के रास्ते ज़रूरतों की ओर मुड़ जाते हैं तब असल ज़िन्दगी के मायने समझ में आते हैं

ताल्लुकातों की हिफ़ाज़त

ताल्लुकातों की हिफ़ाज़त के लिये बुरी आदतों का होना भी ज़रूरी है, ऐब न हों तो लोग महफ़िलों में नहीं बैठाते………..??

उस से कह दो वो अब नहीं

उस से कह दो वो अब नहीं आए मैं अकेला बड़े मज़े में हूं

जिसकी तलवार की छनक से अकबर

जिसकी तलवार की छनक से अकबर का दिल घबराता था वो अजर अमर वो शूरवीर वो महाराणा कहला ता था फीका पड़ता था तेज सूरज का , जब माथा ऊचा करता था , थी तुझमे कोई बात राणा , अकबर भी तुझसे ड रता था

हर एक बात को चुप-चाप क्यूँ

हर एक बात को चुप-चाप क्यूँ सुना जाए कभी तो हौसला कर के नहीं कहा जाए तुम्हारा घर भी इसी शहर के हिसार में है लगी है आग कहाँ क्यूँ पता किया जाए जुदा है हीर से राँझा कई ज़मानों से नए सिरे से कहानी को फिर लिखा जाए कहा गया है सितारों को छूना… Continue reading हर एक बात को चुप-चाप क्यूँ

वो थे पापा

जब मम्मी डाँट रहीं थी तो कोई चुपके से हँसा रहा था, वो थे पापा. . . ❤ जब मैं सो रहा था तब कोई चुपके से सिर पर हाथ फिरा रहा था , वो थे पापा. . . ❤ जब मैं सुबह उठा तो कोई बहुत थक कर भी काम पर जा रहा था… Continue reading वो थे पापा

बुरी आदतें अगर वक़्त पे ना

बुरी आदतें अगर, वक़्त पे ना बदलीं जायें… तो वो आदतें, आपका वक़्त बदल देती हैं”…..

जब तक हम ये जान पाते हैं

जब तक हम ये जान पाते हैं कि ज़िन्दगी क्या है तब तक ये आधी ख़तम हो चुकी होती है.

माँ-बाप का घर बिका तो बेटी

माँ-बाप का घर बिका तो बेटी का घर बसा, कितनी नामुराद है ये रस्म दहेज़ भी !!

हमने कब कहा कीमत समझो

हमने कब कहा कीमत समझो तुम मेरी… , हमें बिकना ही होता तो यूँ तन्हा ना होते…. …… ……….

Exit mobile version