हर रोज़ चली आती

बिन थके बेधड़क हर रोज़ चली आती हैं..!! ख्वाहिशें इतवार को भी..आराम नहीं करतीं..!!

क्यों भरोसा करते हो

क्यों भरोसा करते हो गैरों पर… जब तुम्हें चलना है खुद के पैरों पर…

बहुत ख़ूबसूरती देखी

बहुत ख़ूबसूरती देखी इस ज़माने में.. सब भूल गया जब झाँका तेरी निगाहों में..!”

हथियार तो सिर्फ

हथियार तो सिर्फ शोक के लिए रखा करते हैं , खौफ के लिए तो बस हमारा नाम ही काफी है..

दहशत हमेशा शेरो की

ख़ौफ़ तो कुत्ते भी फैला सकते है……….. पर दहशत हमेशा शेरो की रहती है ……..

ना चाहते हुए भी

ना चाहते हुए भी आ जाता है, लबो पर नाम तेरा.. कभी तेरी तारीफों में, तो कभी तेरी शिकायत मे..!

ज़िंदगी ज़िंदा-दिली का है नाम

ज़िंदगी ज़िंदा-दिली का है नाम…… , , मुर्दा-दिल क्या ख़ाक जिया करते हैं…. ………….

अगर तुम्हें खुशियाँ

अगर तुम्हें खुशियाँ मिलने लगें तो, तीन चीज़ मत भूलना..,..”अल्लाह को”, उसकी “मखलूक को”, और “अपनी औकात” को..!!

हर इसांन की

हर इसांन की ख्वाहिश होती है कि सब उसे पहचाने , पर , ये भी चिंता सताती है, कि कोई सही में पहचान न ले…

मेरी गलतियां मुझसे

मेरी गलतियां मुझसे कहो दूसरो से नहीं, कियोंकि सुधार ना मुझे है उनको नही….. …………

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