ढूँढ ही लेता है

ढूँढ ही लेता है मुझे किसी ना किसी बहाने से “दर्द” वाकिफ़ हो गया है मेरे हर ठिकाने से !

हम ने पूछा आज

हम ने पूछा आज मीठे में क्या है ? उसने ऊँगली उठाई और होंठों पे रख दी..

रस्म-ए-मोहब्बत

हाँ मुझे रस्म-ए-मोहब्बत का सलीक़ा ही नहीं, जा किसी और का होने की इजाज़त है तुझे।

शब्दो का शोर

शब्दो का शोर तो, कोई भी सुन् सकता है। खामोशियो की आहट सुनो तो कोई अलग बात है।।

जिन रिश्तों में

जिन रिश्तों में हर बात का मतलब समझाना पड़े,.. और,सफाई देनी पड़े वो रिश्ते रिश्ते नही बोझ हैं …

मैं आया तो

मैं आया तो था पर मोहब्बतें, इश्क लेकर, यहाँ तो सब जख्मों के इलाज ढूंढ रहे हैं|

तेरे आगोश में

तेरे आगोश में मिल जाये पनाह , हाय में इतनी खुशनसीब कहा|

साथ चलता है

साथ चलता है दुआओं का काफिला, किस्मत से कह दो, अभी तन्हा नहीं हूं मै….

मुझे नशा है

मुझे नशा है तुझे याद करने का और, ये नशा में सरेआम करता हूँ|

रोते-रोते थक कर

रोते-रोते थक कर जैसे कोई बच्चा सो जाता है.. हाल हमारे दिल का अक्सर कुछ ऐसा ही हो जाता है|

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