अंदाज कुछ अलग

अंदाज कुछ अलग है, मेरे सोचने का…. सब को मंजिल का शौक है और मुझे रास्तो का…

तुम मेरा नाम

शर्म, दहशत, झिझक, परेशानी, नाज़ से काम क्यूँ नही लेती… … आप, वो, जी, मगर…ये सब क्या है, तुम मेरा नाम क्यूँ नही लेतीं ।

आखरी साँस बाकी

आखरी साँस बाकी है।। आ रहे हो या ले लू।।

उसकी जुस्तुजू उसका

उसकी जुस्तुजू उसका इंतज़ार और अकेलापन, . थक कर मुस्कुरा देता हु जब रोया नहीं जाता

रात भर फोन

रात भर फोन की डिस्प्ले पे चलाई उँगली उनके रुख़सार से जुल्फ़ों को हटाने के लिए

अमन की आस लिए

अमन की आस लिए कुछ फनकार उसपार से इसपार आना चाहते थे पर कुछ जालिम हे जो अमन को आतंक समज ते थे

कभी बेवजह भी

कभी बेवजह भी कुछ ना कुछ खरीद लिया करो दोस्तों.. ये वो खुद्दार लोग है जो भिख नही मांगते

हम इश्क के

हम इश्क के मारो का इतना सा फसाना है संग रोने को कोई नही हमपे हसने को जमाना है

अमीरी भी क्या चीज़ है

अमीरी भी क्या चीज़ है कुत्ते, बिल्ली, तोता खुद पालते है और खुद के बच्चे आया पालती है

कितने कमज़ोर है

कितने कमज़ोर है यह गुब्बारे, चंद सासों में फूल जाते है, बस ज़रा सी बुलंदिया पाकर, अपनी औकात भूल जाते है…

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