“प्रशंसक” आपको बेशक पहचानते होंगे मगर “शुभचिन्तकों” को आपको पहचानना पड़ेगा.
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तसल्लियां तो देते हैं
अकेले ही गुज़रती है ज़िन्दगी। लोग तसल्लियां तो देते हैं, पर साथ नहीं।।
वक्त सीखा देता है
वक्त सीखा देता है फलसफा जिंदगी का फिर नसीब क्या ! लकीर क्या !! तकदीर क्या !!!
ज़िंदगी में शामिल हो
सुनो तुम मेरी ज़िंदगी में शामिल हो ऐसे, – – मंदिर के दरवाज़े पर मन्नत के धागे हों जैसे..!!
झूठ बोलते हो
जाने कितने झूले थे फाँसी पर, कितनो ने गोली खायी थी क्यों झूठ बोलते हो साहब , की चरखे से आजादी आई थी
You are truly mine
I want to go to sleep at night, wake up every day, and breathe knowing you are truly mine…
मोहब्बत के ज़ख़्म
किसी भी मौसम में आकर खरीद लीजिये जनाब, मोहब्बत के ज़ख़्म यहाँ हर मौसम में ताज़ा मिलेंगे…
Tasveer Bhi Hai
Zindagi Tasveer bhi hai Aur Taqdeer bhi… Farq to Rango ka hai… Manchahe Rango se bane to Tasvir, Aur Anjaane Rango se bane to Taqdir…
इश्क हो गया
बचपन से लेकर आज तक सिर्फ अच्छे काम ही किये…!!! बस गलती से इश्क हो गया…!!!
दौलत से नहीं
जब भी देखता हूँ .. किसी गरीब को हँसते हुए .. तो यकीन आ जाता है .. की खुशियो का ताल्लुक दौलत से नहीं होता..