आंखें भीग सी गई

आंखें भीग सी गई है लगता है आज फिर तू सोने नहीं देगी..

थोड़ा बचा हूँ

थोड़ा बचा हूँ, बाकि हिसाब हो चुका है.. बहुत कुछ है, जो मुझमें राख़ हो चुका है..

आँख का आंसू

आँख का आंसू ना हमसे बच सका , … घर के सामान की हिफाजत क्या करें….

रोशनी बहुत दूर तक

रोशनी बहुत दूर तक जाएगी मेरी, शर्त ये है कि सलीक़े से जलाओ मुझको……

हम भी मुस्कुराते थे

हम भी मुस्कुराते थे कभी बेपरवाह अंदाज से देखा है खुद को आज पुरानी तस्वीरों में…..

भूलना सीखिए जनाब

भूलना सीखिए जनाब एक दिन दुनिया भी यही करने वाली है|

कहाँ ये जानते थे

कहाँ ये जानते थे कि रस्में उल्फ़त कभी यूँ भी निभानी होगी, तुम सामने भी होंगे और… हमें नज़रे झुकानी होगी

होता है अगर

होता है अगर तो होने दो, मेरे क़त्ल का सौदा,मालूम तो हो, बाज़ार में क्या कीमत* है मेरी..

हो सके तो रहना…

हो सके तो रहना… तुम साथ मेरे हो बुरे या अच्छे… हालात मेरे

कभी साथ बैठो तो कहूँ

कभी साथ बैठो तो कहूँ क्या दर्द है मेरा..अब तुम दूर से पूछोगे तो सब बढ़िया ही कहूँगा…

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