कोई ना दे

कोई ना दे हमें खुश रहने की दुआ, तो भी कोई बात नहीं वैसे भी हम खुशियाँ रखते नहीं, बाँट दिया करते है…i

कुछ मीठा सा

कुछ मीठा सा नशा था उसकी झुठी बातों में; वक्त गुज़रता गया और हम आदी हो गये!

ना ढूंढ मेरा किरदार

ना ढूंढ मेरा किरदार दुनिया के हुजूम में, “वफ़ादार” तो हमेशा तनहा ही मिलते हैँ…

जिसकी याद में

मुद्दतों जिसकी याद में आंख की नमी ना गयी , उसकी ही बातें आज हमें मतलबी ठहरा गयी…

इश्क क्या जिंदगी देगा

इश्क क्या जिंदगी देगा किसी को दोस्तों ये तो शुरू ही किसी पर मरने से होता है…!!

वो जो निकले थे

वो जो निकले थे घर से मशालें लेकर बस्तियां फूकने, अँधेरे मकान में अपनों को अकेला छोड़ आये हैं|

वक्त मिले कभी तो

वक्त मिले कभी तो कदमों तले भी देख लेना, . . बेकसूर अक्सर वहीं पाये जाते हैं..

ये तमन्ना भी नहीं ..

ये तमन्ना भी नहीं ..चाँद सितारा हो जाऊं हाँ अँधेरा हो कहीं तो मैं उजाला हो जाऊं..

गले लगा के

गले लगा के मुझे पूछ मसअला क्या है मैं डर रहा हूँ तुझे हाल-ए-दिल सुनाने से

हाथ पर हाथ

हाथ पर हाथ रखा उसने तो मालूम हुआ, अनकही बात को किस तरह सुना जाता है !!

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