मृत्यु के बाद यही है जीवन का कड़वा सच:- 1:-“पत्नी ” मकान तक ? 2:-“समाज”शमशान तक 3:-“पुत्र”अग्निदान तक ♨ सिर्फ आप के “कर्म” भगवान तक
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सियासत मुल्क में
सियासत मुल्क में शायद है इक कंगाल की बेटी हर इक बूढा उसे पाने को कैसे छटपटाता है
मैं उसकी गोंद में
मैं उसकी गोंद में खीला बचै की तरह मुजे फ़िरीगियो बोली सीखा पर उर्दू ऐ कलाम ना सीखा
दिल की xerox
आज दिल की xerox निकलवाई….. सिर्फ बचपन वाली तस्वीरें ही रंगीन नज़र आई ……
हालांकि मेरी माँ
हालांकि मेरी माँ ने कभी तंत्र विद्या नहीं सीखी है पर जिस लड़की पर मै फ़िदा होता हूँ मेरी माँ एक नजर में बता देती है कि ये चुड़ैल है..
एक नफरत ही हैं
एक नफरत ही हैं जिसे दुनिया चंद लम्हों में जान लेती हैं.. वरना चाहत का यकीन दिलाने में तो जिन्दगी बीत जाती हैं.
प्रेम से देती है
प्रेम से देती है, वह है “बहन” झगङकर देता है, वह है “भाई” पुछकर देता है, वह है “पिताजी” और बिना माँगे सबकुछ दे देती है वह है…”माँ’”
आसमां पर ग़ुबार
आसमां पर ग़ुबार क्यों है आज दिल मेरा बेक़रार क्यों है आज हर जगह से धुँआँ सा उठता है कुछ न कुछ तो कहीं हुआ है आज है ख़बर गरम आसमानों में कोई बन बैठा हुकमराँ है आज कैसा ऊँट और कौन सी करवट हम भी इन्तज़ार में हैं आज शािदयाने कहीं, कहीं मातम िकतने… Continue reading आसमां पर ग़ुबार
कोई सवाल नही करूगी
क्योंकि तेरे सारे जवाब जानती हू इसलिये कोई सवाल नही करूगी।
बसता है मेरा सनम
मुझमे रूह बन बसता है मेरा सनम… ऐसे ही नही धड़कने धड़कती मेरी…!!