पसंद करने लगे हैं अब शायरी मेरी मतलब मुहब्बत सिर्फ मैंने ही नहीं की।
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खुदा की बंदगी
खुदा की बंदगी शायद अधूरी रह गयी,तभी तेरे मेरे दरमियाँ ये दूरियाँ रह गयी|
यकीन नहीं होता
तुम्हारे लिये मिट जाने का इरादा था .. तुम ही मिटा दोगे….. यकीन नहीं होता
रोज मोहब्बत के नए
मुमकिन नहीं है हर रोज मोहब्बत के नए, किस्से लिखना……….!! मेरे दोस्तों अब मेरे बिना अपनी, महफ़िल सजाना सीख लो…….!!
कामयाबी के लिए
अकेले करना पड़ता हैं सफ़र जहाँ में कामयाबी के लिए.. काफिला और दोस्त,अक्सर कामयाबी के बाद ही बनते हैं..
ज़रूरत नहीं दोस्तों
शायरी की ज़रूरत नहीं दोस्तों, अनजान है सब यहां इश्क से…. कुछ भी कहो….. सब वाह वाह ही करेंगे !!
कमाल करता है
कमाल करता है ….ऐ दिल तू भी… उसे फुरसत नहीं और,,,तुझे चैन नहीं..!!
दर्द होता हैं
सुनो, तुम अब बस करो, लफ्जों से चोट मत दो; दर्द होता हैं वहाँ, जहाँ तुम रहते हो…..
दिल खामोश सा
दिल खामोश सा रहता है आज कल, मुझे शक है कही मर तो नही गया है ये !!
खुश करने का मौका
किसी को खुश करने का मौका मिले तो खुदगर्ज ना बन जाना बड़े नसीब वाले होते है वो, जो दे पाते है मुस्कान किसी चेहरे पर दूध का सार है मलाई मे और जिंदगी का सार है भलाई में