किस से पूछूँगा

किस से पूछूँगा खबर तेरी… कौन बतलायेगा निशान तेरा…

जाने किन वादियो में

जाने किन वादियो में ठहरा है…गिरत-ऐ-हुस्न कारवाँ तेरा…

कुछ दिन से

कुछ दिन से मैंने दर्द की बात नही की … दुनिया समझ रही हैं बहुत खुश हूं मैं …

शिकायतो की पाई पाई

शिकायतो की पाई पाई जोड़ कर रखी थी मैंने !उसने गले लगा कर.. सारा हिसाब बिगाड़ दिया ||

अपनी तकदीर में

अपनी तकदीर में तो कुछ ऐसे ही सिलसिले लिखे हैं; किसी ने वक़्त गुजारने के लिए अपना बनाया; तो किसी ने अपना बनाकर ‘वक़्त’ गुजार लिया!

दर्द की एक बाढ़

दर्द की एक बाढ़ यूँ हमको बहा कर ले गई… या तो हम चीख़े नहीं या वक़्त ही बहरा रहा…

सब कहते हैं

सब कहते हैं ज़िन्दगी में सिर्फ एक बार प्यार करना चाहिए, लेकिन तुमसे तो मुझे बार बार प्यार करने को दिल चाहता है।

सुना है तुम ले लेती हो

सुना है तुम ले लेती हो हर बात का बदला.. आजमाएंगे कभी तुम्हारे होठो को चूम कर..

याद है मुझे वो चार पल

याद है मुझे वो चार पल की महोब्बत, किसी ने हम पर भी एहसान किया था !!

यूँ तो मशहूर हैं

यूँ तो मशहूर हैं अधूरी मोहब्बत के, किस्से बहुत से, मुझे अपनी मोहब्बत पूरी करके, नई कहानी लिखनी हैं|

Exit mobile version