दुआओ को भी

दुआओ को भी अजीब इश्क है मुझसे… वो कबूल तक नहीं होती मुझसे जुदा होने के डर से …

यूँ ही आँखें किसी की

यूँ ही आँखें किसी की नम नहीं होतीं। दिल टूटता है पहले, फिर बनते हैं मोती।

दर्द मीठा हो तो

दर्द मीठा हो तो रुक -रुक के कसक होती है, याद गहरी हो तो थम -थम के करार आता है।

दिल की बातें

दिल की बातें दूसरों से मत कहो लुट जाओगे आज कल इज़हार के धंधे में है घाटा बहुत

मैं आदमी हूँ

मैं आदमी हूँ कोई फ़रिश्ता नहीं हुज़ूर मैं आज अपनी ज़ात से घबरा के पी गया….

अब जी के बहलने की

अब जी के बहलने की है एक यही सूरत बीती हुई कुछ बातें हम याद करें फिर से

शेर ओ रूमान

शेर ओ रूमान के वो ख़्वाब कहाँ हैं तेरे वो नुक़ूश-ए-गुल-ओ-महताब कहाँ हैं तेरे

ये जो ख़ामोश से

ये जो ख़ामोश से अल्फ़ाज़ लिखे हैं मैंने, कभी ध्यान से पढ़ना, चीखते कमाल है।

वक्त की सीढ़ियों पे

वक्त की सीढ़ियों पे उम्र तेज चलती है जवां रहोगे कोई शौक पाल कर रक्खो

किस्से बन जाता है

किस्से बन जाता है, कहानियाँ हो जाता है, इक उम्र के बाद आदमी, आदमी नहीं रहता …

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