में करता हुं मिन्नते फकिरो से अकसर…….. …. जो ऐक पैसे में लाखो की दुआ दे जाते है…!!
Category: Urdu Shayri
छोड़ ही दें तो अच्छा
हवाएँ ज़हरीली करने वाले,ये ज़मीं छोड़ ही दें तो अच्छा…. मेरी नेकनीयती पर करना यकीं छोड़ ही दें तो अच्छा…. उनकी कुलबुलाहट से अब मैं भी नहीं इतना “ग़ाफ़िल”.. अब कुछ साँप मेरी आस्तीं छोड़ ही दें तो अच्छा….
इंतजार की घड़ियाँ
इंतजार की घड़ियाँ ख़त्म कर ऐ खुदा, जिसके लिये बनाया है उससे मिलवा भी दे अब ज़रा..!
ज़हर पिला दो
आज इतना ज़हर पिला दो की मेरी साँस ही रुक जाये, सुना है साँस रुकने पर बेवफा भी देखने आती है ।
उम्र भर का
कौन देता है उम्र भर का सहारा लोग तो जनाजे में भी कंधे बदलते रहते हैं
उसकी यादें तो
भूलना भी एक नेमत ही है खुदा की…….!! वरना उसकी यादें तो पागल ही कर दें………!!!
होता है इत्तेफ़ाक
अगर होता है इत्तेफ़ाक, तो यूँ क्यों नहीं होता !! _______तुम रास्ता भूलो…और मुझ तक चले आओ..
ये रूहानी मुहब्बत
वो तब भी थी अब भी है और हमेशा रहेगी………! ये रूहानी मुहब्बत है कोई तालीम नहीं जो पूरी हो जाये………!
बीच समंदर देख
मंजर का पसमंजर देख सहरा बीच समंदर देख……….! एक पल अपनी ऑंखें मूंद एक पल अपने अंदर देख…………!
हमसे इश्क़ करके
परेशां है वो हमसे इश्क़ करके वफादारी की नौबत आ गई है….