चाँदनी रातों में

चाँदनी रातों में कुछ भीगे ख्यालों की तरह, मैने चाहा है तुम्हें दिन के उजालों की तरह, गुजरे थे जो कुछ लम्हें तुम्हारे साथ, मेरी यादों में चमकते हैं वो सितारों की तरह|

कोई सवाल करेगा

कोई सवाल करेगा तो क्या कहूँगा उसे,,बिछड़ने वाले, सबब तो बता जुदाई का

यूँ सामने आकर

यूँ सामने आकर ना बैठा करो,, सब्र तो सब्र है, हर बार नही होता!!!

आदमी सुनता है

आदमी सुनता है मन भर , सुनने के बाद प्रवचन देता है टन भर,,” और खुद ग्रहण नही करता कण भर।

तेरे जज्बे को

ए जिंदगी तेरे जज्बे को सलाम.. पता है मंज़िल मौत है फिर भी दौड़ रही है..

समझा जिसे सिर्फ

समझा जिसे सिर्फ इक दिल का सौदा, वो इश्क़ तो पूरा कारोबार निकला ।।

लफ़्ज़ों पे वज़न रखने से

लफ़्ज़ों पे वज़न रखने से नहीं झुकते मोहब्बत के पलड़े साहिब हलके से इशारे पे ही ज़िंदगियां क़ुर्बान हो जाती हैं…

तेरे हुस्न पे

तेरे हुस्न पे तारीफों भरी किताब लिख देता, काश… तेरी वफ़ा तेरे हुस्न के बराबर होती ।

डूबे कितने रब जाने

डूबे कितने रब जाने,, पानी कितना दरिया जाने|

अपनी इन नशीली आंखो को

अपनी इन नशीली आंखो को जरा झुका दीजीए मोहतरमा.. मेरे मजहब मे नशा हराम है..

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