घड़ी घड़ी वो हिसाब करने बैठ जाते है… . . जबकि उनको पता है, जो भी हुआ, बेहिसाब हुआ है..
Category: Shayri-E-Ishq
खूब हूँ वाकिफ दुनिया से
खूब हूँ वाकिफ दुनिया से, बस खुद से अनजान हूँ..
कितना किराया लोगे
कितना किराया लोगे ऐ किराए के कातिलों, मुझे इश्क का सर कलम चाहिए…!!!
किसी ने रख दिए
किसी ने रख दिए ममता भरे दो हाथ…क्या सर पर, मेरे अन्दर कोई बच्चा…….बिलख कर रोने लगता है.!!
जाते जाते अपने साथ..
जाते जाते अपने साथ.. ..अपनी खुशबुए भी ले जाते.. । ..अब जो हवा भी चलती है.. ..तो लगता है तुम आये हो.. ।।
मंज़िलें मुझे छोङ गई हैं
मंज़िलें मुझे छोङ गई हैं । रास्तों ने संभाल लिया है ।। जा ज़िदगी तेरी जरूरत नही । मुझे हादसो ने पाल लिया है ।।
शाम ढलने से पहले
शाम ढलने से पहले चराग हमने बुझा दिए. . . . तुझसे ही सिखा है यूँ दिलो में अँधेरा करना..
बिन धागे की सुई
बिन धागे की सुई सी है ये ज़िंदगी….. सिलती कुछ नहीं, बस चुभती जा रही है.
सिलवटों से भरी है
सिलवटों से भरी है तमाम रूह उसकी एक शिकन भी नहीं है लिबास में जिसके..
मत जियो उसके लिए
मत जियो उसके लिए जो दुनिया के लिए खूबसूरत हो | जियो उसके लिए जो तुम्हारी दुनिया खूबसूरत बनाये