मैं तो हर पल

मैं तो हर पल ख़ुशी देती हूँ तुम्हें, तुम ये गम लाते कहाँ से हो।।

हुस्न वाले जब

हुस्न वाले जब तोड़ते हैं दिल किसी का, बड़ी सादगी से कहते है मजबूर थे हम।।

ना जाने कौनसी

ना जाने कौनसी दवा है उसके पास, कुछ पल साथ गुजार लूं तो सुकून सा मिलता है।।

अजीब पैमाना है

अजीब पैमाना है यहाँ शायरी की परख का, जिसका जितना दर्द बुरा,शायरी उतनी ही अच्छी।।

दिल से पूछो तो

दिल से पूछो तो आज भी तुम मेरे ही हो, ये ओर बात है कि किस्मत दग़ा कर गयी।।

तेरे याद के बिना

तेरे याद के बिना रात मुकम्मल ही नहीं होती, देख तेरी कितनी आदत सी हो गई है मुझे।।

तुम जब मेरा

तुम जब मेरा सब ले गए, तो मुझे क्यों छोड़ गए।।

आज तू ही

आज तू ही बता दे तू है कौन, तेरी हर बात छू जाती है दिल को मेरे।।

हम में तो ख़ैर हिम्मत है

हम में तो ख़ैर हिम्मत है “दर्द ” सहने की, तुम बताओ थक नहीं जाते दर्द देते देते…!!

न मेरा एक होगा

न मेरा एक होगा, न तेरा लाख होगा, न तारिफ तेरी होगी, न मजाक मेरा होगा. गुरुर न कर “शाह-ए-शरीर” का, मेरा भी खाक होगा, तेरा भी खाक होगा !!!

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