जब खुदा ने

जब खुदा ने इश्क बनाया होगा, तब उसने भी इसे आजमाया होगा.. हमारी औकात ही क्या है, कमबख्त इश्क ने तो खुदा को भी रुलाया होगा!

ऐ ज़िंदगी अब तू ही

ऐ ज़िंदगी अब तू ही रुठ जा मुझसे, ये रुठे हुए लोग मुझसे मनाए नहीं जाते…|

जो मिलते हैं

जो मिलते हैं, वो बिछड़ते भी हैं, हम नादान थे…!! एक शाम की, मुलाकात को, जिंदगी समझ बैठे…!!

बेचैन निकलने को है

बेचैन निकलने को है, हसरत का जनाज़ा । है आखिरी मौक़ा, तुझे आना है तो आजा ।।

लोग रहते हैं

लोग रहते हैं मकानों को महल बना कर, और मेरा भगवान मिट्टी की मूरत में रहता है…

जादू वो लफ़्ज़ लफ़्ज़ से

जादू वो लफ़्ज़ लफ़्ज़ से करता चला गया, और हमने बात बात में हर बात मान ली।।

मेरे लिये खुशियों की

मेरे लिये खुशियों की दुआ करते हो, तुम खुद मेरे क्यों नही हो जाते।।

तुझे मनाने के सारे तरीके

तुझे मनाने के सारे तरीके खत्म हुए, पर तेरे रुठने के बहाने|

तुम्हें मुझ तक

तुम्हें मुझ तक मुझे तुम तक पहुँचाने के, ख़ूबसूरत एहसास का नाम है शायरी।।

एक तेरी रूह ही थी

एक तेरी रूह ही थी जिसको अपने जिस्म में उतार लिया, वरना हम तो वो हैं जो खुद को धूल भी लगने ना दें।।

Exit mobile version