मुझे सिर्फ वक्त गुजारने के लिए ना चाहा कर..ए जिंदगी मैं भी इन्सान हूँ और मुझे भी तकलीफ होती है|
Category: Shayari
हुस्न और इश्क
हुस्न और इश्क बहुत रोये गले मिल मिल कर…!! जाने क्या कह दिया दीवाने ने दीवाने से….
हमारे इश्क़ को
हमारे इश्क़ को झूठा कैसे कहा तुमने , जब तुमने हमे तुमसे इश्क़ करने से पहले ही ठुकरा दिया…!!
मेरी इन चढ़ी आँखों को
मेरी इन चढ़ी आँखों को ज़रा नम कर दे, ऐ मर्ज़ इस तकलीफ को ज़रा कम कर दे…!!
मैंने पूछा एक पल में
मैंने पूछा एक पल में जान कैसे निकलती है, उसने चलते चलते मेरा हाथ छोड़ दिया..
निकाल दिया उसने
निकाल दिया उसने हमें अपनी ज़िन्दगी से भीगे कागज़ की तरह, ना लिखने के काबिल छोड़ा, ना जलने के..!!
सुनो…तुम्हारी दो बाहें
सुनो… तुम्हारी दो बाहें मेरी जमीं… तुम्हारी दो आँखें मेरा आसमान…
कुछ इस तरह
कुछ इस तरह से मेरी वो फिकर करता है अनजान बनकर ही सही पर मेरा जिकर करता है|
ज़िंदगी के ये सवालात
ज़िंदगी के ये सवालात कहाँ थे पहले, इतने उलझे हुए हालात कहाँ थे पहले..
तू डूबने से
तू डूबने से यकीनन मुझे बचा लेगा, मगर तेरा एहसान मार डालेगा..