ख़ुशी तकदीरो में

ख़ुशी तकदीरो में होनी चाहिए, तस्वीरो में तो हर कोई खुश नज़र आता है ..

हक़ीक़त ना सही

हक़ीक़त ना सही तुम ख़्वाब की तरह मिला करो, भटके हुए मुसाफिर को चांदनी रात की तरह मिला करो |

आज कल बडे खामोश है

आज कल बडे खामोश है शायर सारे… क्या बात है हमसफर नाराज है तुमसे या लफ्ज नाराज है हमसफर से …

आंसू बहा बहा के

आंसू बहा बहा के भी होते नहीं हैं कम.. कितनी अमीर होती है आँखें ग़रीब की..

हम पर भरी बहार का होता

हम पर भरी बहार का होता नहीं असर उनसे बिछड़ गए है तो जज़्बात मर गए उनसे किसी तरह की भी उल्फत न हो सकी जो लोग एक बार नज़र से उतर गए

बेगुनाह होकर भी

बेगुनाह होकर भी गुनाह कबूल कर लेता हूँ… इल्जाम उन्होने लगाया है गलत कैसे कहूँ…!!

नज़रिया बदल के

नज़रिया बदल के देख हर तरफ नज़राने मिलेंगे। ऐ ज़िन्दगी यहाँ तेरी तकलीफों के भी दीवाने मिलेंगे…

छोड़ आया हूँ

छोड़ आया हूँ गर्म चाय मेज़ पर। यह इशारा है तुमसे जुदाई का।

मै रात भर

मै रात भर सोचता रहा मगर फैंसला न कर सका, तू याद आ रही है या मैं याद कर रहा हूँ…

मेरी बात सुन ‪‎पगली‬

मेरी बात सुन ‪‎पगली‬ अकेले ‪‎हम‬ ही शामिल नही है इस ‪जुर्म‬ में…. ‪जब नजरे‬ मिली थी तो ‪‎मुस्कराई तू‬ भी थी.

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