कहाँ मांग ली थी

कहाँ मांग ली थी कायनात जो इतनी मुश्किल हुई- ऐ- खुदा.. .. सिसकते हुए लफ़्ज़ो में बस एक शख्स ही तो मांगा था…

आदतें अलग हैं

आदतें अलग हैं, मेरी दुनिया वालों से, कम दोस्त रखता हूँ, पर लाजवाब रखता हूँ..

कुछ कहते खामोशियों से

कुछ कहते खामोशियों से कुछ नजरों से बतियाते है चन्द गुजरे लम्हे है ये, कुछ रोते कुछ मुस्काते है बस यही हिसाब है तेरा, कोई आना कोई जाना है गुजर जानी है जिंदगी , याद रहनी मुलाकाते है।

गीली आँखों का

गीली आँखों का दर्द कुछ ख़फ़ा सा है… ये जो सीने में धड़कता है बेवफ़ा सा है…

उसने एक बार….

उसने एक बार…. अपनी बाहो में भर कर अपना कहा था मुझको उस दिन से आज तक मैं अपने आप का भी ना हो सका

आओ कभी यूँ

आओ कभी यूँ भी मेरे पास कि, आने में .. लम्हा और जाने में ज़िन्दगी गुज़र जाए !!!!

दिल का क्या है

दिल का क्या है तेरी यादों के सहारे भी जी लेगा,हैरान तो आँखे है जो तङपती है तेरे दीदार को !

सिर्फ साँसों का

सिर्फ साँसों का चलने का नाम ही जिंदगी है,तो मेरा नाम भी जीने वालों में लिखना !!

एहसान जताने का हक

एहसान जताने का हक भी हमने दिया उन्हे साहिब, और करते भी तो क्या करते,प्यार था हमारा कैदी नहीं था…

मैंने कब उससे

मैंने कब उससे रिआयत की गुज़ारिश की थी वो हर इक बात पे एहसान जताता क्यूँ है !

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