लोग कहते हैं

लोग कहते हैं कि समझो तो खामोशियां भी बोलती हैं, मैं अरसे से खामोश हूं और वो बरसों से बेखबर….

आग लगाना मेरी

आग लगाना मेरी फ़ितरत में नहीं.., पर लोग मेरी सादगी से ही जल जाये… उस में मेरा क्या क़सूर…!!

हजारों महफिलें है

हजारों महफिलें है और लाखों मेले हैं, पर जहां तुम नहीं वहाँ हम अकेले हैं|

शराब हो गया….

वो बर्फ़ का शरीफ टुकड़ा जाम में क्या गिरा.. धीरे धीरे, खुद-ब-खुद शराब हो गया….

जिंदगी क्या हैं

जिंदगी क्या हैं मत पूछो दोस्तों! सवर गई तो दुल्हन, बिखर गई तो तमाशा हैं !

एक उम्र है

एक उम्र है जो तेरे बगैर गुजारनी है., और एक लम्हा है जो तेरे बगैर गुजरता नहीं……….

नजर के सिवा

अक्ल के पास खबर के सिवा कुछ भी नही ।तेरा इलाज नजर के सिवा कुछ भी नही।

थी विरह की रात

थी विरह की रात वो और दर्द बेशुमार था…!!! . . रोते रोते हँस दिया न जाने कैसा प्यार था…!!!

इश्क़ नाजुक है

इश्क़ नाजुक है बहुत अक्ल का बोझ उठा नहीं सकता|

नाउम्मीदी में बिखर जाओ

नाउम्मीदी में बिखर जाओ तो बटोर लो खुद को कि अँधेरी रात के हिस्से में भी एक चाँद होता है।

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