थी विरह की रात वो और दर्द बेशुमार था…!!!
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रोते रोते हँस दिया न जाने कैसा प्यार था…!!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
थी विरह की रात वो और दर्द बेशुमार था…!!!
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रोते रोते हँस दिया न जाने कैसा प्यार था…!!!