तेरे अल्फाजों से

तेरे अल्फाजों से थे जो …शिकवे… हमने तेरे लबो से लड़कर मिटा दिए|

किसी से जुदा होना

किसी से जुदा होना अगर इतना आसान होता , तो…. जिस्म से रूह को लेंने कभी फरिस्ते ना आते !!

क्यों किसी से

क्यों किसी से इतना प्यार हो जाता है! एक पल का इंतज़ार भी दुश्वार हो जाता है! लगने लगते है अपने भी पराये! और एक अजनबी पर ऐतबार हो जाता है!

चाँदनी रातों में

चाँदनी रातों में कुछ भीगे ख्यालों की तरह, मैने चाहा है तुम्हें दिन के उजालों की तरह, गुजरे थे जो कुछ लम्हें तुम्हारे साथ, मेरी यादों में चमकते हैं वो सितारों की तरह|

कोई सवाल करेगा

कोई सवाल करेगा तो क्या कहूँगा उसे,,बिछड़ने वाले, सबब तो बता जुदाई का

यूँ सामने आकर

यूँ सामने आकर ना बैठा करो,, सब्र तो सब्र है, हर बार नही होता!!!

आदमी सुनता है

आदमी सुनता है मन भर , सुनने के बाद प्रवचन देता है टन भर,,” और खुद ग्रहण नही करता कण भर।

ये न पूछ

ये न पूछ के शिकायतें कितनी है तुझसे ये बता के तेरा और कोई सितम बाकी तो नहीं …!!!

क्या हुनर है

क्या हुनर है तुझमे पगली….हमारे बेग से कोई पेन्सिल ना चुरा पाया और तूने सीने से दिल चुरा लिया..

तेरे जज्बे को

ए जिंदगी तेरे जज्बे को सलाम.. पता है मंज़िल मौत है फिर भी दौड़ रही है..

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