वो बुलंदियाँ भी किस काम की जनाब, जहाँ इंसान चढ़े और इंसानियत उतर जाये ।
Category: Sad Bewafa Shayri In Hindi
उस रास्ते पर
भीड़ हमेशा उस रास्ते पर चलती है जो रास्ता आसान होता है लेकिन यह जरुरी नहीं कि भीड़ हमेशा सही रास्ते पर चले इसलिए आप अपने रास्ते खुद चुनिए क्योंकि आपको आपसे बेहतर और कोई नहीं जानता..
पिघली हुई हैं
पिघली हुई हैं, गीली चांदनी, कच्ची रात का सपना आए थोड़ी सी जागी, थोड़ी सी सोयी, नींद में कोई अपना आए नींद में हल्की खुशबुएँ सी घुलने लगती हैं…
अपने ही साए में
अपने ही साए में था, मैं शायद छुपा हुआ, जब खुद ही हट गया, तो कही रास्ता मिला…..
वो जिंदगी जिसे
वो जिंदगी जिसे समझा था कहकहा सबने….. हमारे पास खड़ी थी तो रो रही थी अभी |
अरे कितना झूँठ बोलते हो
अरे कितना झूँठ बोलते हो तुम,,, खुश हो और कह रहे हो मोहब्बत भी की है…
मुसाफ़िर ही मुसाफ़िर
मुसाफ़िर ही मुसाफ़िर हर तरफ़ हैं, मगर हर शख़्स तन्हा जा रहा है…
एहसास-ए-मोहब्बत
एहसास-ए-मोहब्बत की मिठास से मुझे आगाह न कर ये वो ज़हर है…जो मैं पहले भी पी चुकी हूँ…!!
हजारों महफिलें है
हजारों महफिलें है और लाखों मेले हैं, पर जहां तुम नहीं वहाँ हम अकेले हैं|
इतना काफी है
इतना काफी है के तुझे जी रहे हैं, ज़िन्दगी इससे ज़्यादा मेरे मुंह न लगाकर…!!