ये सुनकर मेरी

ये सुनकर मेरी नींदें उड़ गयी, कोई मेरा भी सपना देखता है…

सुलगती तमन्नाओं को

इस तरह सुलगती तमन्नाओं को बुझाया मैं ने, करके रोशन यार की महफ़िल अपना घर जलाया मैंने…

आँखों से पिघल कर

आँखों से पिघल कर गिरने लगी हैं तमाम ख़्वाहिशें कोई समंदर से जाकर कह दे कि आके समेट ले इस दरिया को…!!

इश्क़ के क़ाबिल न थे

हम ही उस के इश्क़ के क़ाबिल न थे क्यूँ किसी ज़ालिम का शिकवा कीजिए

काम आ सकीं

काम आ सकीं न अपनी वफ़ाएँ तो क्या करें उस बेवफ़ा को भूल न जाएँ तो क्या करें |

चल पडी है

चल पडी है मेरी दुआए असर करने को…. तुम बस मेरे होने की तैयारी कर लो…!!

मुझे ज़िंदगी दूर रखती है

मुझे ज़िंदगी दूर रखती है तुझ से जो तू पास हो तो उसे दूर कर दूँ

किसी मोहब्बत वाले

किसी मोहब्बत वाले वकील से ताल्लुक हो तो बताना दोस्तों … मुझे अपना महबूब अपने नाम करवाना है..

गुमान न कर

गुमान न कर अपनी खुशनसीबी का.. नशीबी मे होगा तो तुझे भी इश्क होगा..

ना जाने कितनी बार

ना जाने कितनी बार अनचाहे किया है सौदा सच का, कभी जरुरत हालात की थी और कभी तकाज़ा वक़्त का|

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