नूर बना देता है

वक़्त बेनूर को नूर बना देता है, वक़्त फकिर को हुजूर बना देता है, वक़्त की कदर करो ऐ दोस्तो, क्योंकि वक़्त कोयले को भी कोहिनुर बना देता हैं ।

मिठास रिश्तों में

मिठास रिश्तों में बढ़ाएं तो कोई बात बने… मिठाईयां तो हर साल मीठी ही बनती है…

कब लोगों ने

कब लोगों ने अल्फ़ाज़ के पत्थर नहीं फेंके वो ख़त भी मगर मैंने जला कर नहीं फेंके ठहरे हुए पानी ने इशारा तो किया था कुछ सोच के खुद मैंने ही पत्थर नहीं फेंके इक तंज़ है कलियों का तबस्सुम भी मगर क्यों मैंने तो कभी फूल मसल कर नहीं फेंके वैसे तो इरादा नहीं… Continue reading कब लोगों ने

अनमोल चीज़ है

आग भी क्या अनमोल चीज़ है बातों से भी लग जाती है…

डूब कर सूरज ने

डूब कर सूरज ने मुझे और भी तनहा कर दिया । मेरा साया भी अलग हो गया मेरे अपनों की तरह

दर्द बहुत वफ़ादार होता है

दर्द बहुत वफ़ादार होता है… काश इसे देने वाले में भी ये बात होती…

क्या पूछता है

क्या पूछता है हम से तू ऐ शोख़ सितमगर, जो तू ने किए हम पे सितम कह नहीं सकते…

हर एक शख़्स की

हर एक शख़्स की अपनी ही एक मंज़िल है, कोई किसी का यहाँ हम-सफ़र नहीं होता…

मय को मेरे

मय को मेरे सुरूर से हासिल सुरूर था, मैं था नशे में चूर नशा मुझ में चूर था…

जो गुज़ारी न जा सकी

जो गुज़ारी न जा सकी हम से, हम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी है…

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