नींदों ही नींदों में उछल पड़ता है, रात के अँधियारे में चल पड़ता है! मन से है वो बड़ा ही नटखट चंचल, जिस किसी को देखा मचल पड़ता है! ऐ नींद ! ज़रा देर से आया करो, रात को भी काम में खलल पड़ता है! कभी रहते थे जहाँ राजा-रानियाँ, वहाँ जालों से अटा महल… Continue reading नींदों ही नींदों में
Category: Quotes
रिश्ते संजोने के लिए
रिश्ते संजोने के लिए मैं झुकता रहा, और लोगों ने इसे मेरी औकात समझ लिया…
घोलकर जहर खुद ही
घोलकर जहर खुद ही हवाओं में हर शख्स मुँह छुपाए घूम रहा है|
कुछ इस तरह लिपटा पड़ा है
कुछ इस तरह लिपटा पड़ा है; तेरा साया मुझसे, सवेरा है फ़िर भी,मैं अब तक रात के आग़ोश में गुम हूँ.
कोई खो के मिल गया
कोई खो के मिल गया तो कोई मिल के खो गया… ज़िंदगी हम को बस ऐसे ही आज़माती रही …!!
मेरी एक छोटी सी
मेरी एक छोटी सी बात मान लो, लंबा सफर है हाथ थाम लो…
बेजुबाँ महफिल में
बेजुबाँ महफिल में शोर होने लगा, ना जाने कौन पढ़ गया खामोशी मेरी !!
हमको ख़ुशी मिल भी गई
हमको ख़ुशी मिल भी गई तो कहा रखेगे हम आँखों में हसरतें है तो दिल में किसी का गम|
अपनी चाहतों का हिसाब
मैं अपनी चाहतों का हिसाब करने जो बेठ जाऊ तुम तो सिर्फ मेरा याद करना भी ना लोटा सकोगे …
हँस तो रहा हूँ
मैं खुल के हँस तो रहा हूँ फ़क़ीर होते हुए. वो मुस्कुरा भी न पाया अमीर होते हुए..