गिनती में ज़रा

गिनती में ज़रा कमज़ोर हुं … ज़ख्म बेहिसाब ना दिया करो …!!!

सच बोलता हूँ

सच बोलता हूँ तो टूट जाते हैं रिश्ते, झूठ कहता हूँ तो खुद टूट जाता हूँ…

तू पँख ले ले

तू पँख ले ले, मुझे सिर्फ हौसला दे दे । फिर आँधियों को मेरा नाम और पता दे दे|

न सब बेखबर हैं

न सब बेखबर हैं,न होशियार सब, ग़रज़ के मुताबिक हैं,किरदार सब…

कोई तो बात हैं

कोई तो बात हैं तेरे दिल मे जो इतनी गहरी हैं कि तेरी हँसी तेरी आँखों तक नहीं पहुँचती|

ख्वाइशओ के सिलसिले

अजीब है ख्वाइशओ के सिलसिले भी… नसीब से समझोता किए बैठे है…!!

उनकी क़द्र करके देखो…

कभी उनकी क़द्र करके देखो… जो आपको बिन मतलब प्यार करते हैं..!!

जैसे मेरी हर शायरी की ….

अधूरे से रहते मेरे लफ्ज़ ………तेरे ज़िक्र के बिना…! मानो जैसे मेरी हर शायरी की ……..रूह तूम ही हो…!!

ये सच है

ये सच है की वो मेरी जिंदगी है, और ये भी तो सच है की जिंदगी का कोई भरोसा नहीं !!

सारे घर के उजाले का

सारे घर के उजाले का जिम्मा था मुझ पर, जब बुझने लगा चिराग तो जलना पड़ा मुझे|

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