यूँ तो मशहूर हैं

यूँ तो मशहूर हैं अधूरी मोहब्बत के, किस्से बहुत से……………!! मुझे अपनी मोहब्बत पूरी करके, नई कहानी लिखनी

मेरे गुनाह भी ना थे

ज़िन्दगी मिली भी तो क्या मिली, बन के बेवफा मिली….. इतने तो मेरे गुनाह भी ना थे, जितनी मुझे सजा मिली..

चाहने वालों में

मै तो ग़ज़ल सुना कर अकेला खडा रह गया सुनने वाले सब अपने चाहने वालों में खो गए..

तेरे साथ की ख़ातिर

सफ़र-ए-ज़िन्दगी में इक तेरे साथ की ख़ातिर..!! उन रिश्तों को भी नज़रअंदाज़ किया जो हासिल थे..!! ‪

आज रिश्वत लेते पकड़ा गया

आइना फिर आज रिश्वत लेते पकड़ा गया… दिल में दर्द था, फिर भी चेहरा हँसता हुआ दिखाई दिया….!

बारिश में रख दो

बारिश में रख दो इस जिंदगी के पन्नों को, कि धुल जाए स्याही, ज़िन्दगी तुझे फिर से लिखने का मन करता है कभी- कभी।।

Daur bhi guzar gya

Kahan ka ishq? Kahan ki wafa?? Kahan ki Mohabbat?? Arey sahab; Wo log bhi guzar gye, aur wo Daur bhi guzar gya

Naam Liye Bagair

Meri Mohabbat Ki Na Sahi, Mere Saleeke Ki To Daad De… Tera Zikr Roz Karte Hain, Tera Naam Liye Bagair

Pasand bhi apni thi

Usko Bewafa koh kr apni hi Nazaron Main gir jatay hain wo pyar bhi apna tha Wo Pasand bhi apni thi

जिंदगी गुजर जाऐ

कोई हुनर , कोई राज , कोई रविश , कोई तो तरीका बताओ के.. दिल टूटे भी ना , साथ छूटे भी ना , कोई रूठे भी ना और जिंदगी गुजर जाऐ ..

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