आज नही तो कल

आज नही तो कल ये एहसास हो ही जायेगा….!!.. कि “नसीब वालो” को ही मिलते है फिकर करने वाले”

कैसी उम्र में

कैसी उम्र में आ कर मिले हों हमसे, जब हाथों की मेंहंदी बालों में लग रही है।

ना जाने कौनसी

ना जाने कौनसी दवा है उसके पास, कुछ पल साथ गुजार लूं तो सुकून सा मिलता है।।

कुछ अजीब सा

कुछ अजीब सा रिश्ता है उसके और मेरे दरमियां; ना नफरत की वजह मिल रही है ना मोहब्बत का सिला..!

मेरे टूटने का

मेरे टूटने का जिम्मेदार मेरा जौहरी ही है, उसी की ये जिद थी अभी और तराशा जाय…

जो वक़्त पे

जो वक़्त पे रिप्लाई नही देते, वो वक़्त पे साथ क्या देंगे।।

काश तू आये

काश तू आये और गले लगकर कहे, बस बहुत हो गया अब नही रहा जाता तेरे बिना।।

खता ये हुई

खता ये हुई तुम्हे खुद सा समझ बैठे, जबकि तुम तो तुम ही थे।।

भूल ही गये होंगे

भूल ही गये होंगे वो मुझे, वरना इतने दिन तक कोई नाराज़ तो नहीँ रहता।।

तुम्हे खो के ही तो समझ में

तुम्हे खो के ही तो समझ में आया, क्या हमको पाना था जो ना पाया।।

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