अजीब शख्स हूँ

अजीब शख्स हूँ मैं, अजीब मिज़ाज़ में रहता हूँ.. … कर देता हूँ खुश सबको पर खुद उदास रहता हूँ ।

दर्द जब भी हुवा

दर्द जब भी हुवा इस क़दर हुआ.. के जेसे फिर कभी होना ही नहीं..!”

उसके क़दमों में

उसके क़दमों में बिछा दूं आँखें.. मेरी बस्ती से गुज़रे तो सही..!

ये ना समझ

ये ना समझ तेरे आसरे हूँ.. … इश्क़ की दुनिया का बाल ठाकरे हूँ ।

क्या हूआ अगर

क्या हूआ अगर लोग मेरे बारे मे गलत बात करते है, ये वो ही लोग है,जो कभी मेरी जान हुआ करते थे !!

यूँ बिन कुछ

यूँ बिन कुछ कहे.. सब कुछ कह देना, तेरा ये हुनर… सबसे जुदा है ।।

अमन की आस लिए

अमन की आस लिए कुछ फनकार उसपार से इसपार आना चाहते थे पर कुछ जालिम हे जो अमन को आतंक समज ते थे

कभी बेवजह भी

कभी बेवजह भी कुछ ना कुछ खरीद लिया करो दोस्तों.. ये वो खुद्दार लोग है जो भिख नही मांगते

हम इश्क के

हम इश्क के मारो का इतना सा फसाना है संग रोने को कोई नही हमपे हसने को जमाना है

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