सुबह को कुछ है और शाम को है कुछ और, गरीब की तकलीफ़ें अब अमीरों के लिबास जैसी है।
Category: 2 Line Shayri
रिश्ते की गहराई
रिश्ते की गहराई अल्फाजो से मत नापो.. *सिर्फ एक सवाल सारे धागे तोड़ जाता है…!
इश्क तुझ से
इश्क तुझ से बुरा नहीं कोई, हर भले का बुरा किया है तूने।।
खुदगर्ज़ बना देती है
खुदगर्ज़ बना देती है तलब की शिद्दत भी,, प्यासे को कोई दूसरा प्यासा नहीं लगता..।।
हजारों महफिलें है
हजारों महफिलें है और लाखों मेले हैं, पर जहां तुम नहीं वहाँ हम अकेले हैं|
अब ये न पूछना की..
अब ये न पूछना की.. ये अल्फ़ाज़ कहाँ सेलाता हूँ, कुछ चुराता हूँ दर्द दूसरों के, कुछ अपनी सुनाता हूँ|
इस ज़मीं पर
इस ज़मीं पर तू खूब गा ले नदी फिर समंदर में डूब जाना है|
तेरी नशे वाली आँखों का…
तेरी नशे वाली आँखों का… बड़ा नाम हैं…… आज नजरों से पिला दोहम तो वैसे भी बदनाम है…….
हर रंग लगा के
हर रंग लगा के देखा चेहरे पर रंग उदासी का उतरा ही नही..!!
इरादे बाँधता हूँ
इरादे बाँधता हूँ सोचता हूँ तोड़ देता हूँ कहीं ऐसा न हो जाए कहीं वैसा न हो जाए