पैसे मैं भले ऊपर नहीं लेकर जाऊंगा,मगर जब तक मैं नीचे हूँ,ये मुझे बहुत ऊपर लेकर जाएगा…
Category: वक़्त शायरी
कोई हसरत नहीं
जिन्दगी में हसरतों की यूँ तो कोई कमी नहीं, पर ना जाने क्यों तुम्हारे सिवा और कोई हसरत नहीं.
तूने तो कहा था
तूने तो कहा था हर शाम गुजरेगी तेरे साथ, तू बदल गया, या तेरे शहर में शाम नहीं होती…
मैं अकेला हूं
कहने को ही मैं अकेला हूं.. पर हम चार है.. एक मैं.. मेरी परछाई.. मेरी तन्हाई.. और तेरा एहसास..”
अहमियत देता हूँ
मैं अपनी ‘ज़िंदगी’ मे हर किसी को ‘अहमियत’ देता हूँ…क्योंकि जो ‘अच्छे’ होंगे वो ‘साथ’ देंगे… और जो ‘बुरे’ होंगे वो ‘सबक’ देंगे…!
कोइ बिखर जाता है
बुरा वक्त सब पर आता है, कोइ बिखर जाता है, तो कोइ निखर जाता है…
यादों का तकिया
तेरी यादों का तकिया, लगाता हूँ जब भी सिरहाने, उदासियां आ जाती है, तन्हाइयों की चद्दर उढाने..
गजब की जगह है
यह मंदिर-मस्ज़िद भी क्या गजब की जगह है दोस्तो…. जंहा गरीब बाहर और अमीर अंदर ‘भीख’ मांगता है…!!
लोगों से रिश्ता
मुझमें खामियाँ लाख होंगी, मगर एक खूबी भी है, मै लोगों से रिश्ता मतलब के लिए नहीं रखता…
जब तक सत्य
जब तक सत्य घर से बहार निकलता है ll तब तक ज़ुठ आधी दुनिया घुम लेता है ll