मत किया कर ऐ दिल किसी से मोहब्बत इतनी..!!जो लोग बात नहीं करते वो प्यार क्या करेंगे…!!
Category: व्यंग्य शायरी
जमा कर खुद के पाँवों को
जमा कर खुद के पाँवों को चुनौती देनी पड़ती है कोई बैसाखियों के दम पे अंगद हो नहीं सकता ….
बराबर उसके कद के
बराबर उसके कद के यों मेरा कद हो नहीं सकता वो तुलसी हो नहीं सकता मैं बरगद हो नहीं सकता
जिनको मिली है
जिनको मिली है, ताक़त दुनिया सँवारने की… खुदगर्ज आज उनका ईमान हो रहा है…!!
मोहब्बत करने वालों को
मोहब्बत करने वालों को वक़्त कहाँ जो गम लिखेंगे, ए दोस्तों कलम इधर लाओ इन बेवफ़ाओं के बारे में हम लिखेंगे…..
सिर्फ़…. तुम ही हो मेरे
सिर्फ़…. तुम ही हो मेरे मुस्कुराने की वज़ह बाक़ी तो सबको मेरा दर्द पसंद है !!
खौफ अब खत्म हुआ
खौफ अब खत्म हुआ सबसे जुदा होने का.. अपनी तन्हाई में हम अब मसरूफ बहुत रहते हैं..
दहेज़ में तुम सिर्फ मेरे लिए
दहेज़ में तुम सिर्फ मेरे लिए अपनी मोहब्बत लाना हक़.ऐ महेर में तुमको हम अपनी जिंदगी देंगे
कानों में डाल कर
कानों में डाल कर, मोतियों के फूल; सोने का भाव उसने गिराया, अभी- अभी!
कौन कहता है
कौन कहता है दुआओ के लिए हाथो की जरुरत होती है कभी अपनी माँ की आँखों में झांक करके देखिये हुज़ूर