वो यूँ मिला था

वो यूँ मिला था कि जैसे कभी न बिछड़ेगा… वो यूँ गया कि कभी लौट कर नहीं आया… !!!

शब्दों को अधरों पर

शब्दों को अधरों पर रखकर दिल के भेद ना खोलो, मैं आँखों से सुन सकता हूँ तुम आँखों से बोलो।

कोई पूछे मेरे बारे में

कोई पूछे मेरे बारे में, तो कह देना इक लम्हा था जो गुज़र गया। कोई पूछे तेरे बारे में, मैं कह दूंगा इक लम्हा था जो मैं जी गया।

कुछ महकी-महकी यादें

कुछ उम्मीदें, कुछ सपने, कुछ महकी-महकी यादें, जीने का मैं इतना ही सामान बचा पाया हूँ।

वो जो तस्वीर से

वो जो तस्वीर से गुफ़्तगू का हुनर जानते हैं … कहाँ है मोहताज किसी से बातचीत के।

हौंसला तुझ में

हौंसला तुझ में न था मुझसे जुदा होने का; वरना काजल तेरी आँखों का न यूँ फैला होता।

जिंदगी किसने बरबाद की

उसने पुछा जिंदगी किसने बरबाद की , हमने ऊँगली उठाई और अपने ही दिल पर रख ली…

आईना के सामने

आईना के सामने आने से वो डरते है जो ताउम्र सच कहने का दम भरते हैं दर्पण

बैठें तो किस उम्मीद पर

बैठें तो किस उम्मीद पर बैठे रहे यहाँ, उठे तो उठ के जायें कहाँ तेरे दर से हम।

बेगानावार ऐसे वो

बेगानावार ऐसे वो गुजरे करीब से, जैसे कि उनको मुझसे कोई वास्ता न था।

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