बहुत अजीब हैं

बहुत अजीब हैं ये कुर्बतों की दूरी भी, वो मेरे साथ रहा पर मुझे कभी न मिला…

कुछ रिश्तों में

कुछ रिश्तों में शक्कर कम थी …. कुछ अंदर से हम कड़वे थे ।।

होगी जरूर फूंक की

होगी जरूर फूंक की भी कुछ कीमत, वरना, बांसुरी तो बहुत सस्ती मिलती है …।।

लफ़्ज़ मैने भी चुराए है

लफ़्ज़ मैने भी चुराए है कई जगह से कभी तेरी मुस्कान से कभी तेरी बेरुखी से |

जब किसी की कमियां

जब किसी की कमियां भी अच्छी लगने लगे ना तो मान ही लीजिये ये दिल दगाबाजी कर गया…

मैं बहुत सीमित हूँ

मैं बहुत सीमित हूँ,अपने शब्दों में, लेकिन बहुत विस्तृत हू अपने अर्थों में….!!

वक्त सिखा देता है

वक्त सिखा देता है इंसान को फ़लसफ़ा जिंदगी का फिर नसीब क्या-लकीर क्या-और तकदीर क्या

दर्द का क्या है

दर्द का क्या है, जरूरी नहीं चोट लगने पर होता है। दर्द वहाँ अक्सर दिखता है, जहाँ दिल में अपनापन होता है।।

यूँ परेशान ना करो..

यूँ परेशान ना करो.. मेरी धड़कनों को छूकर देखो… ये लड़खड़ा जाती हैं… तुम्हारा ख्याल भर आने से…

यूँ उम्र कटी

यूँ उम्र कटी दो अल्फ़ाज़ में… एक ‘काश’ में एक ‘आस’ में…

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