हमें कोई ना पहचान पाया

हमें कोई ना पहचान पाया दोस्तों . . कुछ अंधे थे, कुछ अंधेरों में थे

अपनी कमजोरियो का

अपनी कमजोरियो का जिक्र कभी न करना जमाने से. लोग कटी पतंगो को जम कर लुटा करते है !!

प्यार है इश्क़ है

प्यार है इश्क़ है,मोहब्बत है, क्या है…. पतंग मेरी कटती है उदास वो हो जाता है…..

कुछ रिश्तों में

कुछ रिश्तों में शक्कर कम थी …. कुछ अंदर से हम कड़वे थे ।।

यूँ परेशान ना करो..

यूँ परेशान ना करो.. मेरी धड़कनों को छूकर देखो… ये लड़खड़ा जाती हैं… तुम्हारा ख्याल भर आने से…

जिन्दगीं में किसी का

जिन्दगीं में किसी का साथ काफी हैं, दूर हो या पास क्या फर्क पड़ता हैं, अनमोल रिश्तों का तो बस एहसास ही काफी हैं..!!!

बड़ी गुस्ताख है

बड़ी गुस्ताख है तेरी यादें, इन्हें तमीज सिखा दो| दस्तक भी नहीं देती, और दिल में उतर आती हैं|

मैं अगर खत्म भी

मैं अगर खत्म भी हो जाऊँ इस साल की तरह… तुम मेरे बाद भी संवरते रहना नए साल की तरह…

अल्फ़ाज़ चुराने की

अल्फ़ाज़ चुराने की जरूरत ही न पड़ी कभी.., तेरे बेहिसाब ख्यालों ने, बेतहाशा लफ्ज़ दिये..,

तुम अगर चाहो तो

तुम अगर चाहो तो पूछ लिया करो खैरियत हमारी.. कुछ हक़ दिए नही जाते ले लिए जाते है …

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