मुश्किल वक़्त पे

मुझे जानू कहने वाली गर्ल फ्रेंड नही भी मिली तो चलेगा पर……. मुश्किल वक़्त पे भाई कहने वाला दोस्त होना चाइये….

नही है शिकवा

नही है शिकवा हमे किसी की बेरुखी से.. शायद हमे ही नही आता दिलो में घर बनाना..

मां के पैर छूकर

बदल गया है जमाना, पहले मां के पैर छूकर घर से निकलते थे… और अब मोबाईल फोन की बैटरी फुल करके….

दौलत तो साथ

बस दुआएँ बटोरनें आया हूँ, माँ ने कहा, . दौलत तो साथ जाती नहीं”..

कहीं भी नहीं मिले

आखिर थक हार के, लौट आया मैं बाजार-ए – दुनिया से . . कि यादों को बंद करने के ताले, कहीं भी नहीं मिले___!!

मेरे हर किस्से में

मेरे हर किस्से में तुम आते हो !!! पर मेरे हिस्से में कब आओगे ?

आओ कभी यूँ

आओ कभी यूँ मेरे पास की आने में लम्हे और जाने में ज़िन्दगी गुज़र जाये

तुम मुझे भूल जाओ

तुम मुझे भूल जाओ ..ये तुम्हारी मर्जी .. “लेकिन” मैं क्या करूँ .. मुझे तो भूलना भी नहीं आता !

सबका होता गया

किस्मत बुरी या मै बुरा फैसला हो ना सका ! मै सबका होता गया कोई मेरा हो ना सका !!

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