छू जाते हो तुम मुझे कितने दफ़े, ख़्वाब बनकर… लोग खामखाँ ही कहते है कि तुम मेरे पास नहीं…!!
Category: दर्द शायरी
इश्क़ सभी को
इश्क़ सभी को जीना सीखा देता है, वफ़ा के नाम पर मरना सीखा देता है. इश्क़ नही किया तो करके देखो, ज़ालिम हर दर्द सहना सीखा देता है|
ज़िंदगी में बार बार
ज़िंदगी में बार बार सहारा नही मिलता, बार बार कोई प्यार से प्यारा नही मिलता, है जो पास उसे संभाल के रखना, खो कर वो फिर कभी दुबारा नही मिलता|
जिंदगी मेरे कानो मे
जिंदगी मेरे कानो मे अभी होले से कुछ कह गई, उन रिश्तो को संभाले रखना जिन के बिना गुज़ारा नहीं होता|
मेरी बेजुबां आँखों से
मेरी बेजुबां आँखों से गिरे हैं चंद कतरे… वो समझ सके तो आँसू ,ना समझ सके तो पानी|
अगर पलक पे है
अगर पलक पे है मोती तो ये नहीं काफ़ी हुनर भी चाहिए अल्फ़ाज़ में पिरोने का……
तुझको देखा तो
तुझको देखा तो फिर किसीको नहीं देखा। चाँद कहता रहा ..मैं चाँद हूँ मैं चाँद हूँ ।
कयामत के फरिश्तों ने
कयामत के फरिश्तों ने माँगा जब जिंदगी का हिसाब . खुदा, खुद मुस्कुरा के बोले, जाने दो इसे मोहब्बत की है इसने|
मुस्कुराने पे शुरू हो
मुस्कुराने पे शुरू हो और रुलाने पे ख़त्म हो जाए,ये वही ज़ुल्म है जिसे लोग, मोहब्बत कहते हैं……
सस्ता सा कोई
सस्ता सा कोई इलाज़ बता दो इस मोह्ब्बत का ..! एक गरीब इश्क़ कर बैठा है इस महंगाई के दौर मैं….