मुस्कुराने पे शुरू हो

मुस्कुराने पे शुरू हो और रुलाने पे ख़त्म हो जाए,ये वही ज़ुल्म है जिसे लोग, मोहब्बत कहते हैं……

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version